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निकाय चुनाव में पूर्व सीएम हरीश रावत मतदान नहीं कर पाए, मतदाता सूची में नाम न होने से गरमाई राजनीति

उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव में पूर्व सीएम हरीश रावत मतदान नहीं कर पाए। मतदाता सूची में…

निकाय चुनाव में पिछली बार से काम रहा मतदान, मतदान प्रतिशत 60 तक भी नहीं पहुंंच पायाउत्तराखंड नगर निकाय चुनाव में देहरादून जिले का मतदान प्रतिशत कम रहने से राज्य में वोटों का गणित बिगड़ गया है। पिछले निकाय चुनाव में देहरादून में 68.78 प्रतिशत मतदान हुआ था जबकि इस बार यह आंकड़ा 60 प्रतिशत तक भी नहीं पहुंच पाया। देहरादून में मतदाताओं की मतदान के प्रति बेरुखी चिंता का विषय है।  उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव में इस बार मत प्रतिशत कम रहना राजनीतिक विश्लेषकों का चौंका रहा है। जो तस्वीर निकलकर सामने आ रही है, वह दर्शा रही है कि देहरादून जिले ने प्रदेश में वोटों का गणित बिगाडऩे में मुख्य भूमिका निभाई। देहरादून जिले में सबसे कम मतदान हुआ है। अनंतिम आंकड़ों को देखें तो यहां मतदान प्रतिशत 60 तक भी नहीं पहुंंच पाया। वर्ष 2018 के निकाय चुनाव में इस जिले में 68.78 प्रतिशत मतदान हुआ था। निकायों की तस्वीर देखें तो इनके चुनावों में मतदान प्रतिशत ठीकठाक रहता है। प्रदेश में वर्ष 2013 में हुए निकाय चुनाव में 65.56 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था। वर्ष 2018 में यह बढ़कर 69.78 प्रतिशत तक पहुंच गया। ऐसे में माना जा रहा था कि इस बार निकायों में मतदान 75 प्रतिशत का आंकड़ा छू सकता है। मतदान प्रतिशत बढ़ाने के दृष्टिगत राज्य निर्वाचन आयोग से लेकर राजनीतिक दलों ने भी अपनी-अपनी ओर से पूरा जोर लगाया था। बावजूद इसके मत प्रतिशत इस मर्तबा पिछली बार के आंकड़े तक शायद ही पहुंच पाए। निकाय चुनाव के अनंतिम आंकड़े तो इसी तरफ इशारा कर रहे हैं। अनंतिम आंकड़ों में राज्य में 66 प्रतिशत मतदान आंका गया है। अंतिम आंकड़े आने पर इसमें एक-दो प्रतिशत की ही वृद्धि संभव है। इस परिदृश्य के बीच राजनीतिक विश्लेषक कम मतदान को लेकर माथापच्ची में भी जुट गए हैं। देहरादून जिले के मतदाताओं की मतदान के प्रति बेरुखी ने अधिक चिंता बढ़ाई है। इस जिले को लें तो देहरादून में सात नगर निकाय हैं। इनमें राज्य का सबसे बड़ा नगर निगम देहरादून भी शामिल है। जिले में निकायों में मतदाताओं की संख्या भी सर्वाधिक 9.98 लाख है। पिछले चुनावों में यहां मतदान भी ठीकठाक होता आया है। वर्ष 2018 में यहां 68.78 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले थे। इस बार के अनंतिम आंकड़ों के मुताबिक यह 55 प्रतिशत है। मतदान के अंतिम आंकड़े आने पर इनमें दो-तीन प्रतिशत की वृद्धि ही संभावित है। देहरादून ऐसा जिला है, जिससे पूरे प्रदेश में संदेश जाता है। ऐसे में वहां निकाय चुनाव में मत प्रतिशत कम रहना हर किसी को साल रहा है। इसके पीछे तमाम मतदान केंद्रों में मतदाता सूचियों से मतदाताओं के नाम गायब रहना और पाश इलाकों में कम मतदान को वजह माना जा रहा है। यद्यपि, राज्य के अन्य जिलों में भी मतदाता सूची से नाग गायब होने की शिकायतें रही हैं, लेकिन वहां मत प्रतिशत 61 से 72 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है। वर्ष 2018 में हुए पिछले निकाय चुनाव से तुलना करें तो तब अल्मोड़ा जिले में सबसे कम 58.82 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि ऊधम सिंह नगर में सर्वाधिक 73.77 प्रतिशत। अन्य जिलों में तब मतदान प्रतिशत 63 से 72.21 प्रतिशत के बीच रहा था।

उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव में देहरादून जिले का मतदान प्रतिशत कम रहने से राज्य में वोटों…